अकेले म्यानमार के खैमांग सईक गांव से भाग कर बांग्लादेश पहुंचीं साठ वर्षीय रोहिंग्या विधवा शमसुन नाहर (बाएं), जिनका 30 वर्षीय बेटा लापता है, कॉक्स बाजार स्थित कुटुपालांग अस्थाई शिविर में अपनी कहानी बताती हुईं, , 4 सितंबर, 2017, बांग्लादेश.